कृषि कार्यों के लिये पंजीकृत ट्रैक्टर ट्राली का उपयोग भवन निर्माण एवं अन्य ट्रांसपोर्ट समान ढोने में किया जा रहा है
बहुत से ग्रामीण जन तो इसका उपयोग शादी ब्याह में बरात में आने जाने सवारी ढोने के लिये भी उपयोग करते हैं।
जिला परिवहन विभाग के रिकार्ड अनुसार वर्ष 2009-2024 तक जिले में अब तक 960 व्यवसायिक ट्रैक्टर रजिस्टर्ड है जबकी ग्रामीण सड़कों में धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रैक्टर -ट्रालियो में रेत, ईंट ,गिट्टी ,मुरूम ,को परिवहन कर लाते जाते देखा जा सकता है कहीं कहीं तो ट्रेक्टरों से सरकारी राशन को भी लाते ले जाते हैं ।
परिवहन विभाग का कि सुस्ती से ट्रैक्टर मालिक और चालक बेखौफ होकर मकान निर्माण के लिये समान रेत गिट्टी लाते हैं जबकी ट्रैक्टर का फिटनेस का भी ख्याल नहीं रखते।
अधिकत्तर ट्रैक्टर चालकों का तो ड्राइविंग लायसेंस तक नहीं है अधिक्तर ग्रामीण जगह तो नाबालिक ट्रैक्टर चला रहे है।
जिनके पास ड्राइविंग लाइसेंस तक नहीं होता जिसके कारण आये दिन दुर्घटना घटित होता है मौके पर जान भी चली जाती है ।