रायपुर – NIA ने पाकिस्तान से जुड़े जासूसी मामले में देश भर में व्यापक तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान देश के आठ राज्यों में 15 स्थानों पर बड़े पैमाने पर तलाशी ली गई। दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, असम और पश्चिम बंगाल राज्यों में पाकिस्तान खुफिया संचालकों (पीआईओ) से जुड़े संदिग्धों के परिसरों की तलाशी ली गई। एनआईए की टीमों ने तलाशी के दौरान कई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट और संवेदनशील वित्तीय दस्तावेज, अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की है। भारत विरोधी आतंकी साजिश के तहत पाकिस्तान स्थित गुर्गों द्वारा चलाए जा रहे जासूसी रैकेट के सुराग के लिए उनकी गहन जांच की जा रही है।

एनआईए की जांच के अनुसार, शनिवार की तलाशी में जिन संदिग्धों को निशाना बनाया गया, उनके पाकिस्तानी गुर्गों से संबंध थे और वे भारत में जासूसी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए वित्तीय माध्यम के रूप में काम करते थे। एनआईए ने 20 मई को एक आरोपी व्यक्ति की गिरफ्तारी के बाद आरसी-12/2025/एनआईए/डीएलआई मामला दर्ज किया था, जो 2023 से पीआईओ के साथ संवेदनशील जानकारी साझा कर रहा था। आरोपी राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित वर्गीकृत जानकारी लीक करने के बदले भारत में विभिन्न माध्यमों से धन प्राप्त कर रहा था।

आरोपी का नाम मोतीराम जाट है, जो सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) के एएसआई पद पर कार्यरत था। एनआईए की टीम ने जासूसी मामले में मुकदमा उसी केस में दर्ज किया था। मोतीराम जाट पहलगाम हमले से पहले वहीं पोस्टेड था। वहीं, हमले से पांच दिन पहले एएसआई मोतीराम जाट का पहलगाम से ट्रांसफर किया गया था। आतंकवाद विरोधी एजेंसी बीएनएस 2023 की धारा 61(2), 147, 148, आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम 1923 की धारा 3 और 5 और यूए(पी) अधिनियम 1967 की धारा 18 के तहत दर्ज मामले में अपनी जांच जारी रखे हुए है।

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